उत्तराखण्ड में जीत के लिए तरस रही कांग्रेस को संजीवनी

दोनों सीटों पर कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी।
———————————–
बदरीनाथ व मंगलौर उपचुनाव में भाजपा को झटका, दोनों सीटों पर कांग्रेस विजयी

देहरादून,। उत्तराखंड उपचुनाव में निरंतर अच्छा प्रदर्शन कर रही सत्तारूढ़ भाजपा को को करारा झटका लगा है। बदरीनाथ और मंगलौर दोनों ही विधानसभा सीटांे पर भाजपा को पराजय का मुँह देखना पड़ा है। बदरीनाथ सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी लखपत सिंह बुटोला और मंगलौर सीट पर काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने जीत दर्ज कर उत्तराखण्ड में जीत के लिए तरस रही कांग्रेस को संजीवनी दे दी है। उत्तराखंड में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा पहली बार मंगलौर विधानसभा सीट पर जीत की उम्मीद से उतरी थी। हरिद्वार जिले की यह मुस्लिम बहुल सीट भाजपा लिए हमेशा से अभेद रही है। यहां अब तक हुए सभी चुनावों में पार्टी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। फतह करने के इरादे और नई रणनीति के साथ मैदान में उतरी भाजपा को फिर हार का सामना करना पड़ा। चुनाव लड़ाने के लिए राज्य से बाहर से लाए गए करतार सिंह भड़ाना को प्रत्याशी बनाना भी उसकी रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा था, जो विफल हो गई।मंगलौर सीट पर फिर भी भाजपा का कभी कब्जा नहीं रहा, लेकिन बदरीनाथ सीट कई मायनों में खास थी। चुनाव प्रचार में भी पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा को बदरीनाथ सीट से हाथ धोना पड़ा। बदरीनाथ और मंगलौर का चुनावी समर भाजपा के विजय रथ की कड़ी परीक्षा थी, जिसमें भाजपा सफल नहीं हो पाई। मंगलौर सीट पर भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था, लेकिन भड़ाना कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन से मात खा गए। वहीं बदरीनाथ में भाजपा ने राजेंद्र भंडारी पर भरोसा जताया था, लेकिन कांग्रेस के  लखपत सिंह बुटोला से भंडारी मात खा गए। मंगलौर सीट पर बसपा विधायक के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराया जाना था, लेकिन बदरीनाथ में परिस्थिति जबरन पैदा की गई। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में शामिल हो गए। भंडारी खुद तो चले गए, लेकिन कार्यकर्ताओं में रोष रहा और इसे कांग्रेस ने मुद्दा बनाया। नतीजन यह भाजपा की हार तो कांग्रेस की कामयाबी का राज बन गया।
नाटकीय तरीके से कांग्रेस विधायक का भाजपा में शामिल होना जनता को रास नहीं आया। भंडारी तो भाजपा में चले गए लेकिन समर्थक कांग्रेस में ही रह गए। वहीं भंडारी के भाजपा में आने से बदरीनाथ के भाजपा नेता और कार्यकर्ता खुश नहीं थे। उन्होंने खुले तौर पर तो इसका विरोध नहीं किया, लेकिन नतीजे संकेत दे रहे हैं। बदरीनाथ और मंगलौर सीट पर भाजपा की हार ने कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम किया है। लोकसभा चुनाव से पहले गढ़वाल मंडल की यही एकमात्र सीट थी, जो कांग्रेस के पास थी। लेकिन, कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भंडारी भाजपा में शामिल हो गए। यह सब इतने नाटकीय तरीके से हुए की जो भंडारी 24 घंटे पहले जिन कपड़ों में भाजपा के विरोध में आक्रामक प्रचार कर रहे थे, वही भंडारी उन्हीं कपड़ों में दिल्ली में भाजपा को सदस्यता ले लेते हैं। मजेदार बात यह है कि भाजपा संगठन को इसकी हवा भी नहीं लगती है। शायद इस बात को न तो भाजपा के कार्यकर्ता ही पचा पाए और न ही बदरीनाथ की जनता।  मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जातीय समीकरणों का फायदा मिला। मंगलौर सीट एक ऐसी सीट है जो भाजपा कभी नहीं जीत पाई है। अल्पसंख्यक बहुल यह सीट एक बार हाजी तो एक बार काजी के पास रही है। हालांकि भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना को टिकट देकर कुछ हद तक गुर्जर वोट को अपने पक्ष में किया। बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनों पर विश्वास जताया था। पार्टी ने दोनों सीटों पर उन चेहरों को मैदान में उतारा, जो कांग्रेस से लंबे समय से जुड़े हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने जिन चेहरों पर दांव लगाया, वो दोनों ही उसकी सांगठनिक नर्सरी से नहीं थे।

Azad Express News

अर्जुन भूमि - Call : +91.7017821586 Email : arjunbhoomi2017@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

उत्तराखंड में पहली बार मिस एंड मिसेज इंडिया दिवा उत्तराखंड का होगा आयोजन

Sat Jul 13 , 2024
Post Views: 197 प्रेस वार्ता के दौरान ऋतु बहुगुणा। —————————————– सितम्बर में होगा ग्रैंड फिनाले देहरादून, । मिस एंड मिसेज इंडिया दिवा उत्तराखंड 2024 का आयोजन  पहली बार यहां किया जा रहा है, जिसका ग्रैंड फिनाले सितंबर में मालसी रोड स्थित फेयरफील्ड बाय मेरियट में आयोजित किया जाएगा। इस संबंध […]

You May Like